DIET FOR JAUNDICE:
DIET FOR JAUNDICE:
पीलिया या वायरल हेपेटाइटिस को कहते है। यह सरीर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने से होती है। यह बीमारी बहुत ही सूक्ष्म वायरस से होता है। शुरुआत में इस बीमारी का पता नहीं लगता हमे इसके लक्षण दिखाई नहीं देते है शुरुआती इसके लक्षण दिखाई नहींदेते है फिर अचानक से ही ये बढ़ता है।
इसके लक्षण :
ब्लैक रंग का मल। (CLAY COLOUR STOOL )
उलटी या मल में खून आना ( BLOOD IN STOOL VOMITING )
पेट में छूने से दर्द महसूस होना ( TENDERNESS STOMACH )
बुखार बना रहना ( RECURRENT FEVER )
थकान महसूस होना
भूख नहीं लग्ना
कब्ज की शिकायत होना।
पेशाब का रंग गहरा होना
उपचार:
समय रहते उपचार करने से जटिलताओं से बचा जा सकता है।
जीवन शैली सुधार कर।
खान पान सुधार करके।
फलों का जूस पिए
ज्यादा से ज्यादा पानी पिए।
ताजा और शुद्ध भोजन करे।
थोड़ा थोड़ा ३ ४ बार खाये।
खाने से पहले हाथ धोये।
और भी कुछ चीजे जैसे :
दही ,मूली, प्याज, पपीता ,तुलसी, टमाटर ,छांछ, नारियल पानी , गिलोय शहद।
पीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए :
बाहर का खानानहीं खाना।
दाल और बिन्स न खाएं।
माखन से परहेज करे।
ज़्यदा मेहनत करने से बचे।
एक साथ ढेर सारा खाना न खाये।
कॉफ़ी और चाय से परहेज खाये।
तीखा या तेलीय चीजे न खाये।
नॉन वेज न खाये।
दाल और बिन्स न खाएं।
माखन से परहेज करे।
ज़्यदा मेहनत करने से बचे।
एक साथ ढेर सारा खाना न खाये।
कॉफ़ी और चाय से परहेज खाये।
तीखा या तेलीय चीजे न खाये।
नॉन वेज न खाये।
रोकथाम:
SOME DRY FRUITS :
किसमिस का पानी सुबह पिए कमजोरी दूर होगी।
एप्रीकॉट खिलाये।
मुनक्का तवे पे भून कर उसमे काली मिर्च दाल कर खाने से भी कमजोरी दूर होती है।
मुनक्का तवे पे भून कर उसमे काली मिर्च दाल कर खाने से भी कमजोरी दूर होती है।
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