एक लड़की की जिंदगी

 


"अगले जनम मोहे बिटिया न कीजो " 

सबकी तरह मेरा भी सपना था की मेरे पापा जैसा ही कोई मुझे मिले , मिला लेकिन न जाने क्यों ,माँ  बाप के अलावा इस दुनिया में कोई भी आपको प्यार नहीं कर सकता हैऔर हम उम्मीद लगा लेते है ,की हमारे जीवन में कोई तो होगा जो माँ बाप की कमी पूरा करेगा लेकिन ऐसा नहीं होता है। आईये जानते है कैसे शुरू हुई ये कहानी --

मै अपने माता पिता की लाड़ली बेटी हुआ करती थी। मेने कभी समझौता करना नही  देखा था ,बिना मेरे बोले ही सब चीजों का ध्यान रखते थे मेरे माँ पापा।  धीरे धीरे मेरी पढ़ाई खत्म हुई।  मेने अपने कॉलेज की भी पढ़ाई ख़त्म कर ली।  में एवरेज बच्चा थी । मुझे किसी से कोई मतलब नहीं हुआ करता था।  मेरी दुनिया में सिर्फ मेरे पेरेंट्स ही सब कुछ थे।  मेरे दोस्त भी बहुत कम थे लेकिन जो थे बहुत अच्छे थे। फिर मेने जॉब करना शुरू किया , इसके लिए मुझे बाहर जाना था।  मेरे पेरेंट्स ने मुझपे कभी रोक टोक नहीं लगाया था। उन्होंने फिर मुझे भेज दिया बाहर। 
 
शायद वो लोग जानते थे की बाहर उनके जैसा कोई नहीं मिलेगा। लेकिन वो चाहते थे की में दुनिया देखु कैसे है ये दुनिया , लेकिन कहते है ना  वक़्त का पहिया बहुत अजीब होता है, फिर जैसा की शायद सबके साथ ही होता होगा घर की बाहर भी हमे कोई सपोर्ट चाहिए होता है ,फिर कई बार हम जो टेम्पररी लोग होते है उन्हें ही सब कुछ समझ लेते है। हमे हमारे भावनाओ को बहुत समय देना चाहिए ,की क्या सही है क्या गलत अब समझ आता जो दीखता है वैसे होता नहीं है। 

" घर के आंगन को महकाती हैं बेटियाँ ,
    माँ बाप को दुःख हो ........
   तो सह नहीं पाती है बेटियाँ ,
     धन दौलत नहीं सिर्फ ......
     घर का सुख ही चाहती है बेटियाँ । । "

फिर क्या अब मेरी उम्र शादी की हो चुकी थी। मेरे माँ पापा ने भी शायद मेरे लिए बहुत अच्छा भविष्य की कामना की थी। भगवान जी से हर माता पिता अपने बच्चे के लिए अच्छा घर ही चाहते है ,खासतौर लड़की के लिए क्युकी वो जानते है एक बार लड़की की विदाई कर दी तो उसपर से वो हक़ खतम हो जाते है। जो उनके लिए पहले थे। आपको एक बात बताऊ लड़की शादी के पहले हर बात बताती है। अपने माँ बाप से लेकिन शादी के बाद न जाने क्यों वो चाह कर भी नहीं बोल पाती।  न जाने क्यों, क्युकी शायद वो नहीं चाहती की उनके पेरेंट्स परेशान न हो। जिसके भरोसे वो आती है उसकी बेज्जती नहीं करवाना चाहती। 

"बेटियाँ जिस घर भी जाती है स्वर्ग बना देती है" ये कहावत सबने सुनी है लेकिन ये कोई नहीं बताता की नरक बन जाती है उसकी जिंदगी दूसरों के बारे में सोच सोच कर। 

फिर अंत में मेरी शादी तो मेरे पसंद से हुई।  सब कुछ अच्छा था ,न जाने क्यों ऊपर वाले को क्या ही मंजूर था। हमारी पहली रात से ही हमारी नहीं बनी। धीरे धीरे पहले सोच से दूर होते ग।  फिर तो हर तरीके से दूर हो गए। आपको बता दू पहले वो लड़का ऐसा बिलकुल नहीं था। न जाने क्या बदला की आज मेरी हर अच्छे चीजे भी उसे बुरी ही लगती है। आपको बता दू पहले गलत चीजे सही करवाई जाती थी आज पूरा ही उल्टा हो गया मेरे लाख कोशिशों के बाद भी कुछ अच्छा नहीं हो रहा है। मेने अब तो मान ही लिया है, की मेरी ही गलती होगी शायद।।। 

   भीग जाती है,
          जिनकी आँखें बात बात पर ........
    कमजोर नहीं 
          बस दिल के सच्चे होते है ,वो लोग  ।।






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